वानी

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अब हम तुम्हें अपनी बीवी नही बनायेंगे

                  आर्यन 31

        अब हम तुम्हे अपनी बीवी नही बनायेंगे 

अब तक आपने पढ़ा आर्यन कमरे का नजारा देख दरवाजा बंद कर दिया और श्लोक जी को अंदर जाने के लिए कहता है रंजना जी श्लोक जी से दूर जाने लगती हैं दोनो बाहर आते हैं नील आर्यन को एक वीडियो दिखाता है उसके पास एक कॉल आता है आर्यन कुछ सोचने लगता है


अब आगे

आर्यन कुछ सोचते हुए कहता है "कोई मुझ जैसा पावरफुल" अचानक उसे कुछ याद आता है, आर्यन फिर कुछ नहीं कहता है, वो बहुत देर तक खामोश रहता है

फिर अपने पापा से कहता है "आप लोग दिल्ली चले जाइए , मैं जिन को लेकर आता हूं" श्लोक जी कहते हैं "हम भी तुम्हारे साथ रहेंगे"

आर्यन उन सब को एक नज़र देखता है , फिर कहता है "भरोसा रखिए पापा मैं उसे लेकर आऊंगा"

कौशल्या जी आर्यन के सामने हाथ जोड़ते हुए पूछती हैं "वो ठीक तो है ना "

आर्यन उनका हाथ पकड़ते हुए कहता है "सासु मासा आर्यन ठीक है , मतलब उसका जिन भी ठीक है, आप बस भरोसा रखिए, उसे कुछ कहीं होगा" आर्यन रंजना जी के पास जाता है, और उनके हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहता है "हमसे ज्यादा वो आपका गुनहेगार है, सज़ा भी उसे आप ही देंगी, ये मेरा आपसे वादा है, बस कुछ दिन और"

रंजना जी अपनी नजरें झुका लेती हैं, वो कुछ कदम पीछे लेती हैं, और अपनी नज़रें झुकाते हुए कहती हैं "मैं जीना नहीं चाहती, मुझे यहां से जाने दो"

उनकी बात सुन सबको एक झटका सा लगता है, आर्यन अपनी नम आंखों से उन्हे देखने लगता है, रंजना जी उससे अपना हाथ छुड़वाती हैं और थोड़ा पीछे हो जाति हैं,

आर्यन उनकी तरफ बढ़ जाता है, लेकिन वो फिर उनके कदम पीछे ले लेती हैं, आर्यन अपनी नम आंखों से श्लोक जी की तरफ देखता है,

वो भी खामोश थे क्या कहते क्या समझाते, तभी कौशल्या जी , रंजना जी के पास आती हैं, और उनके हाथ पकड़ लेती हैं, और उनकी आंखों में देखते हुए कहती हैं "क्या हुआ है,क्यों ऐसे बिहेव कर रही हो, क्या हो गया है, ना तुम्हारी गलती थी ना ही मर्जी, तो तुम किस बात की सजा दे रही हो सबको, वो बेटा है तुम्हारा, 14 साल बाद वापस आया है, उसे गले लगाने की बजाए तुम छोड़ने की बात कर रही हो"

फिर श्लोक जी की तरफ इशारा करते हुए कहती हैं "वो इंसान जो प्यार करता है तुमसे , तुम उससे दूर जाने की बात कर रही हो, और किस हक से"

उनकी इस बात से सब कौशल्या जी की तरफ देखने लगते हैं , सबको ऐसे देखता देख कौशल्या जी थोड़ी तेज आवाज में कहती हैं "क्या हुआ , क्या गलत कहा मैंने , एक औरत की जब शादी हो जाति है, उसपर उसके पति का भी हक होता है, और बिना उसकी मर्ज़ी के ये श्लोक जी को कैसे छोड़ सकती है"

उनकी बात सुन रंजना जी ,अपनी नम आंखों से उन्हे देखते हुए कहती हैं "तुम ऐसी बात क्यों कर रही हो, मैं मैली हो गई हूं, मैं उनके लायक"

तभी कौशल्या जी उनकी बात काटते हुए कहती हैं "ये तय करने वाली तुम होती कौन हो, ये वो तय करेंगे की तुम उनके लायक हो या नहीं"

फिर कुछ सोच कर कहती हैं "क्या कहा तुमने , तुम मैली होगई हो, अरे कभी गंगा भी मैली हुई है, और जिसका मन पवित्र है, वो हमेशा पवित्र है"

रंजना जी कुछ पल उन्हें खामोशी से देखती हैं, फिर उनके गले लगकर रोने लगती हैं , कौशल्या जी उनके पीठ पर हाथ फेरते हुए कहती है "शांत हो जा मेरी दोस्त, सब ठीक हो जायेगा"

आर्यन एक दम से कहता है "दोस्त, इसका क्या मतलब है"

तभी श्लोक जी कहते हैं, "हम चारों कॉलेज टाइम में दोस्त थे"

आर्यन कुछ पल देखता है फिर कहता है "मुझे जानना है,की मां और रणधीर एक दूसरे को कैसे जानते हैं, आप लोग यहां तक कैसे आए, क्योंकि जिन ने कहा था की"

तभी कौशल्या जी उसकी बात काटते हुए कहती हैं "क्या कहा जिन ने कहा, इसका मतलब तुम मिले हो उससे" आर्यन उनका हाथ पकड़ते हुए कहता है "सासु मां सर, बीवी है मेरी , दो महीने से मेरे साथ थी, और आगे भी मेरे साथ ही रहेगी"

उसकी बात सुन सब खामोश हो जाते हैं, आर्यन उन्हे एक नज़र देखता है और कहता है "अब कुछ गलत नहीं होगा, सब ठीक होगा,लेकिन उससे पहले मुझे दोनो बाप बेटे के बारे में जानना है, जबसे आप उसे जानते हैं तबसे"

श्लोक जी रंजना जी को बेड पर बिठाते हैं, और खिड़की के पास खड़े होकर कहना शुरू करते हैं........ "ये उस वक्त की बात है, जब हम कॉलेज में थे, रणधीर हमारा सुपर सीनियर था, मैं और कर्मवीर दोस्त थे,और रंजना और कौशल्या दोस्त थे"

फिर एक नज़र रंजना जी को देखते हैं और आगे कहते हैं "रंजना बहुत खूबसूरत है, उस वक्त तो इनके चाहने वाले बहुत थे, और उनमें से एक रणधीर भी था, मैंने वीर और भाभी की मदद से इनसे अपनी मोहब्बत का इज़हार कर दिया, हम कॉलेज के बाद शादी करने वाले थे, उस दिन हम तीनों बैठे रंजना का इंतज़ार कर रहे थे"

श्लोक जी खामोश हो जाते हैं , रंजना जी खुद को संभालती हैं, फिर कहने की कोशिश करती हैं, लेकिन वो बोल नहीं पा रहीं थी, आर्यन उनके पास बैठ जाता है, और उनके हाथ पर अपने हाथ रख देता है,

रंजना जी एक नज़र उसे देखती हैं फिर कहती हैं..... "उस दिन मैं अपनी क्लास खत्म करके आ रही थी, तभी रणधीर ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे खींचते हुए एक कमरे में ले गया....

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फ्लैशबैक

रणधीर रंजना जी को एक खाली क्लासरूम में ले जाता है,और उन्हें देखते हुए कहता है "हमें तुमसे कुछ बात करनी है"

रंजना जी थोड़ा घबराते हुए कहती हैं "लेकिन मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी है" और वहां से जाने लगती हैं रणधीर उनका हाथ पकड़ लेता है ,और झटके से दीवार की तरफ धक्का दे देता है, रंजना जी उसे असमंजस में देखने लगती है

रणधीर उनके कंधे पकड़ लेता है , और उनकी आंखों में देखते हुए कहता है "तुम्हे समझ नहीं आ रहा हम क्या कह रहे हैं"

रंजना जी रोते हुए कहती है "प्लीज़ मुझे जाने दो,मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है"

रणधीर उनके कंधे दबाते हुए कहता है "हम तुम्हे पसंद करते हैं तुमसे शादी करना चाहते हैं, तुमको इतनी सी बात समझ में नहीं आता है क्या"

रंजना जी रोते हुए कहती हैं "लेकिन मैं तुम्हे पसंद नहीं करती हूं, तुम भी जानते हो मैं श्लोक से प्यार करती हूं, और मैं सिर्फ उन्ही से शादी करूंगी"

रणधीर कुछ पल उन्हें घूरता है फिर कहता है "सोच लो रंजना, अभी भी वक्त है तुम्हारे पास, एक न एक दिन हम तुम्हें हासिल करके रहेंगे, ये हमारा वचन है, लेकिन इसके बाद फिर तुम किसी की नहीं हो पाओगी, और वो श्लोक जिसके लिए तुम हमे मना कर रही हो, वो भी तुम्हें छोड़ देगा"

रंजना जी अपनी नम आंखों से देखते हुए कहती है "मैं नहीं जानती तुम क्या करोगे , लेकिन मैं कभी तुमसे प्यार नहीं करूंगी, कभी भी नहीं"

रणधीर एक तिरछी मुस्कान के साथ कहता है "हम तुम्हें अपनी बीवी बनाना चाहते थे, लेकिन अब हम तुम्हे अपनी बीवी नही बनायेंगे, अब हम तुम्हे अपना खिलौना बनाएंगे,जिससे हम हर रात खेलेंगे , और तुम कुछ नहीं कर पाओगी " इतना कहकर रणधीर वहां से चला जाता है,

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फ्लैशबैक एंड

"उसके बाद श्लोक जी ने मेरे पापा से बात की ओर मेरी ओर इनकी शादी हो गई" श्लोक जी मुस्कुराते हुए कहते हैं "हमने सोचा थे की जब हमारे बच्चे होंगे, तो हम अपनी दोस्ती को रिश्तेदारी में बदल देंगे"

श्लोक जी आर्यन को देखते हुए कहते हैं "जब तुम पैदा हुए हम बहुत खुश थे, लेकिन हमें पता चला की, धर्मवीर ने किसी से वादा किया था, की कर्मवीर का बेटा हो या बेटी वो धर्मवीर जी के दोस्त के परिवार से रिश्ता जोड़ेंगे"

श्लोक जी खामोश हो जाते हैं, तभी कर्मवीर जी कहना शुरू करते हैं "ताउसा हमेशा नशे में रहते थे, रणधीर भाईसा भी कोठे और शराब के आदि हो चुके थे, बापूसा ने सोचा रणधीर भाईसा की शादी हो जायेगी तो वो सुधार जायेंगे, उनकी शादी तो हुई, लेकिन वो नही सुधरे"..........

क्या मोड़ लेने वाली है कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी आर्यन इश्क की अनोखी दास्तां!

      वानी 
        

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4 Comments

Abhilasha Deshpande

05-Jul-2023 02:57 AM

अति उत्तम भाग लिखा आपने मँम

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Babita patel

04-Jul-2023 07:29 PM

Fantastic part

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अदिति झा

20-Jun-2023 06:02 PM

Nice one

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